पथ के साथी

Friday, January 1, 2010

नववर्ष!


कमला निखुर्पा

लाए
आपके
जीवन में,
उन्नति
उत्कर्ष ।
हर हाथ को
थमा कर
कलम,
जगाएँ
सुप्त अनुभूतियाँ
बिखरे
हर चेहरे पर
खुशियाँ
उँगली पकड़कर
दिखाएँ
क्षितिज पर
चमकता
बादलों से निकलता
हिमांशु ।
- कमला निखुर्पा

शुभकामना !


मन से उर -कम्पन से

लिखूँ शुभकामना ।

उँगली तुम जीवन में

स्नेह की थामना ।

उगते रहें

सूरज

नित द्वार तुम्हारे ।

तुम नहीं

हारना

जग चाहे ये हारे

करना न पड़े कभी

दु:खों का सामना ।

-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'