रामेश्वर काम्बोज
‘हिमांशु’
1
दर्द कहाँ है यह पूछना फ़िजूल
पूछिए यह कि कहाँ नहीं है दर्द।
2
हम तो वफ़ा करके पछताए ताउम्र
उन्हें बेवफाई का ज़रा मलाल नहीं।
दर्द कहाँ है यह पूछना फ़िजूल
पूछिए यह कि कहाँ नहीं है दर्द।
2
हम तो वफ़ा करके पछताए ताउम्र
उन्हें बेवफाई का ज़रा मलाल नहीं।
चित्रःहिमांशु |
3
कभी पूछना न झील कि अब तक
कहाँ रहाडूबता जब दिल तुम्हारे पास आता हूँ।
4
चित्रःहिमांशु |
ग़म न कर कि पत्ते सब गए हैं छोड़कर।
कल आएगी बहार सब लौट आएँगे।
चित्रःहिमांशु |
सूख गए पर साथ नहीं छोड़ा है आज तक
बुरे दिनों के दोस्त हैं ,जाते भी तो कैसे।
6
दुआओं का असर हो न हो यह तो मुमकिन
बद्दुआएँ मगर कभी पीछा न छोड़ती ।