पथ के साथी

Wednesday, January 29, 2020

950-यह पूछना फ़िजूल

रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
दर्द कहाँ है यह पूछना फ़िजूल
पूछिए यह कि कहाँ नहीं है दर्द।
2
हम तो वफ़ा करके पछताए ताउम्र
उन्हें  बेवफाई का ज़रा मलाल नहीं।


चित्रःहिमांशु


3
कभी पूछना न झील  कि अब तक कहाँ रहा
डूबता जब दिल तुम्हारे पास आता हूँ।





4
चित्रःहिमांशु

ग़म न कर  कि  पत्ते सब गए हैं छोड़कर।
कल आएगी बहार सब लौट आएँगे।






चित्रःहिमांशु
5
सूख गए पर साथ नहीं छोड़ा है आज तक
बुरे दिनों के दोस्त हैं ,जाते भी तो कैसे
6
दुआओं का असर हो न हो यह तो मुमकिन
बद्दुआएँ मगर कभी पीछा न छोड़ती