पथ के साथी

Friday, May 18, 2012

यादों की लोई(हाइकु)


डॉoसुधा गुप्ता जी के हाइकु
 [आज आप 78 वर्ष पूरे करके  79 वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं ।सभी सहृदय  रचनाकारों की  अशेष शुभकामनाओं  आपके साथ हैं ]
1
काँटों की खेती
जीवन जोत दिया
चुभे तो रोती ?
2
मेघ मुट्ठी में
क़ैद चाँद , फिसला
निकल भागा ।
3
कौन पानी पी
बोलती री चिड़िया
इतना मीठा !
4
पूनो की रात
चाँद ने बहकाया
लहरें उड़ीं ।
5
गुल्लक फोड़
चुलबुली रात ने
बिखेरे सिक्के ।
6
धुली चादर
चटक चाँदनी की
बैठे हैं तारे ।
7
धुआँ चिलम
नशाखोर शाम ने
लगाया दम ।
8
फूलों का सही
टूट गई कमर
बोझ उठाते ।
9
काली चादर
उजाले के फूल से
काढ़ती रात ।
10
धूप से डर
पीली छतरी ओढ़े
खड़ा वैशाख ।
11
बेसुध पड़ी
नींद के घोंसले में
पाखी -बिटिया ।
12
यादों की लोई
खूँटी पर टँगे-टँगे
कीड़े कुतरी ।
( चुलबुली रात ने-हाइकु संग्रह-2006)