डोगरी गीत लोक गीत
चम्बे दिए डालड़िए
मोइए! दुआस नी औ
ते कल उन्नें आई पुज्जना
बनी बनी फुल्ली फुल्ली पौ ।
औन्दें गे उनें तुगी
गले कन्ने लाई लैना
चट्ट गे मनाई लैना
चट्ट गे हंसाई लैना
चुक्की जाने तेरे सारे रौ
मोइए! दुआस नी औ ।
ओ तुगी चन्ने ओंगन
प्यारे लगदे ने
न्हेरिएँ रातीं
लश्कारे बजदे ने
चौनें पासें होई जंदी लौ ।
मोइए! दुआस नी औ ।
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हिन्दी अनुवाद
-शशि पाधा
ओ चम्पा की कोमल डाली !
मोइए, उदास मत हो
कल तो वो लौट आएँगे
बनो सजो , फूलों सी खिलो ।
आते ही वो तुझे
गले से लगा लेंगे
झट ही मना लेंगे
झट ही हँसा लेंगे
मिट जाएँगे तेरे सारे गिले
मोइए! उदास मत हो ।
वो तुझे चाँद से
प्यारे लगेंगे
अँधेरी रातों में
लश्कारे लगेंगे
हो जाएगी चारों ओर लौ
मोइए! उदास मत हो ।
प्रसिद्ध डोगरी लोक गीत
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[मोइए संबोधन प्यार से किसी भी
नवयुवती के लिए प्रयोग किया जाता है । शाब्दिक अर्थ है- मृत प्राय लगने वाली ।]
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