शहीदे आज़म
भगत सिंह
गीत
डॉ.पूर्णिमा राय
भारत ये
मेरा महान हो जाए ।
खुशहाल हमारा किसान हो जाए ।।
खुशहाल हमारा किसान हो जाए ।।
दे दो
जन्म-दिवस पर यही तोहफा;
हर युवक भगत- सा जवान हो जाए ।।
हर युवक भगत- सा जवान हो जाए ।।
पहने सभी
आज बासंती चोला;
वीरों पर सबको गुमान हो जाए ।।
वीरों पर सबको गुमान हो जाए ।।
देश-प्रेम
का सरूर चढ़े इस कदर ;
दिल में भगत का अरमान हो जाए ।।
दिल में भगत का अरमान हो जाए ।।
वीर तेज़
से भरी दिखती 'पूर्णिमा'
कण-कण भगत सिंह निशान हो जाए ।।
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कण-कण भगत सिंह निशान हो जाए ।।
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दोहे- डॉ.पूर्णिमा
राय
भारत माता
के लिये, सहते थे जो पीर।
भगत सिंह से अब कहाँ,जग में दिखते वीर।।
भगत सिंह से अब कहाँ,जग में दिखते वीर।।
विश्व
मनुज से ही बनी, भारत माँ की शान।
भगत सिंह की सोच का, जग में हो सम्मान।।
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भगत सिंह की सोच का, जग में हो सम्मान।।
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