1.
तभी तो जीवन में
दोस्त आ जाएँ
2.
रिश्तों से परे
मीत का प्यार
3.
कोई न नाम
इतना रहा ऊँचा
जितना दोस्ती
4.
गर्म रेत की
मीत सूखे खेत की
है जलधार
5.
बीच मझधार में
है पतवार
6.
समझे सारी
बातें दु:ख -दर्द की
बिना बताए
7.
लुटाता सदा
वो प्यार बेशुमार
ज्यों रस-धार
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'