पथ के साथी

Sunday, August 7, 2011

मित्रता- दिवस


1.
प्रभु मिलाए
तभी तो जीवन में
दोस्त आ जाएँ
2.
रिश्तों से परे
प्राणों में समा जाए
मीत का प्यार
3.
कोई न नाम
इतना रहा ऊँचा
जितना दोस्ती
 4.
गर्म रेत की
मीत सूखे खेत की
है जलधार

5.
दोस्ती का हाथ
बीच मझधार में
है पतवार
6.
समझे सारी
बातें दु:ख -दर्द की
बिना बताए
7.
लुटाता सदा
वो प्यार बेशुमार 
ज्यों रस-धार
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'