पथ के साथी

Monday, July 6, 2015

अफसोस है इतना



1-भावना सक्सेना

खर्च हो जाता है दिन
झोले में भर यादें कई
अफसोस है इतना- सा बस
कि दिन ऐसे कितने खर्चे
जिनका झोले में 
कुछ हिसाब नहीं।
बेहिसाबी के
इस सफ़र का ही
तो नाम है जिंदगी।
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2-कमल कपूर

1-  मेरी पहचान

मैं शब्दों की पाखी हूँ
मुझे चाहिए अक्षरों का चुग्गा जीने के लिए
स्याही का पानी पीने के लिए
और उड़ने के लिए कागजी आसमान
जो देखना चाहते हो मेरी उड़ान
तो गगन के स्तर को
ऊँचा, ऊँचा और ऊँचा कर दो
या कि फिर
धरा के स्तर को ही
नीचा ,नीचा और नीचा कर दो।
        2
जीत का जश्न तो मनाते हैं जमाने में सभी
हार पर  हार  चढ़ाओ  तो  कोई  बात बने।
दर्द  रोने  से  कभी   दूर    होगा   यारो!
तुम  दवा  इसको  बनाओ   तो कोई बात बने।
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3-रेखा रोहतगी

सौ बार हारी
पर हारते रहने से
न हारी
करती रही
खेलते रहने की तैयारी ,
   -0-