आज़ादी है : रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु'
नाचो गाओ ,खुशी मनाओ- आज़ादी है
लूटो –खाओ , पियो-पिलाओ आज़ादी है
भूखी जनता टूक न मिलता आज़ादी है
छीनो -झपटो ,डाँटो –डपटो आज़ादी है
दफ़्तर-दफ़्तर ,बैठे अजगर आज़ादी है
जेब गरम है ,बिकी शरम है आज़ादी है
फ़ाइल सिसके ,बाबू खिसके आज़ादी है
सज्जन रोता , आफ़त ढोता -आज़ादी है
नोट बिछाए ,नींद न आए -आज़ादी है
गुण्डे छूटे , जीभर लूटे -आज़ादी है
छीना चन्दा ,अच्छा धन्धा -आज़ादी है
नफ़रत पलती , बस्ती जलती -आज़ादी है
पेड़ कटे हैं, खेत लुटे हैं -आज़ादी है
कपटी मुखिया ,हर घर दुखिया -आज़ादी है
जब मुँह खोलें , लटपट बोलें -आज़ादी है
सुरसा आई , बन महँगाई आज़ादी है
आज पुजारी , बने जुआरी -आज़ादी है
ढोंगी बाबा , अच्छा ढाबा -आज़ादी है
लूट मची है , छूट मची है -आज़ादी है
सब कुछ लूटा , धीरज छूटा -आज़ादी है
घोटाले हैं, दिलवाले हैं- आज़ादी है
आग-धुआँ है ,नहीं कुआँ है -आज़ादी है
गड्ढा सड़कें , चल गिर पड़के-आज़ादी है
गुरु है ढेला ,गुड़ है चेला -आज़ादी है
जाति –धर्म है , बुरे कर्म हैं-आज़ादी है
भाई-भाई , लड़ें लड़ाई - आज़ादी है
अपनी अपनी ,सबकी ढपली -आज़ादी है
कामचोर हैं ,घूसखोर हैं-आज़ादी है
चोरी करते ,ज़रा न डरते -आज़ादी है
सन्न इलाका , दिन में डाका-आज़ादी है
बन्द है चक्का, धक्कम धक्का -आज़ादी है
करते अनशन ,रोज़ प्रदर्शन -आज़ादी है
चोर लुटेरे , सबको घेरे -आज़ादी है
जागो-जागो , अब तो भागो आज़ादी है
जिसका जूता , उसका बूता -आज़ादी है
भूखे घर हैं , प्यासे दर हैं-आज़ादी है
ऊँचा झण्डा , चलता डण्डा-आज़ादी है
रहे जो भक्षक ,बने वे रक्षक-आज़ादी है
लुटा ख़ज़ाना , सबने माना -आज़ादी है
भले जेल में , बुरे खेल में-आज़ादी है
न्याय रो रहा , चोर सो रहा -आज़ादी है
क्या अब करना , जीना ? मरना-आज़ादी है
‘आओ प्यारे वीरो आओ’ -आज़ादी है
हाथ लगे जो ,सब खा जाओ -आज़ादी है
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