पथ के साथी

Friday, May 30, 2025

1468

 

विजय जोशी

 (पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल )

 


1

प्यार तो एक फूल है

फूल तो एक प्यार है

हम- तुम :

इसकी दो पंखुरियाँ हैं

समय रहते न रहते

पंखुरियाँ झर जाएँगी

शेष रह जाएगी

महक :

हमारे- तुम्हारे प्यार की

दिल के इसरार की

मन के इकरार की

जो रच- बसकर वातावरण में

छा जाएगी अरसों तक

महकेगी बरसों तक

प्यार तो एक फूल है .....

-0-

2-मैं हूँ ना !

 


भयावह आँधी

प्रबल झंझावात

उखड़ते महावृक्ष

विपथगा महानदियाँ

घनघोर अँधेरी रात

श्मशान- सा समाँ

 

वृक्ष के कोटर में डरा- सहमा

चिड़िया का नन्हा बच्चा

डर से काँपता, माँ से बोला :

माँ ! हमारा क्या होगा

 

माँ ने अपने पंखों में

उसे समेटते हुए कहा :

डरो मत, मैं हूँ ना!

-0-