विजय जोशी
(पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल )
1
प्यार तो एक फूल है
फूल तो एक प्यार है
हम- तुम :
इसकी दो पंखुरियाँ हैं
समय रहते न रहते
पंखुरियाँ झर जाएँगी
शेष रह जाएगी
महक :
हमारे- तुम्हारे प्यार की
दिल के इसरार की
मन के इकरार की
जो रच- बसकर वातावरण में
छा जाएगी अरसों तक
महकेगी बरसों तक
प्यार तो एक फूल है .....
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2-मैं हूँ ना !
भयावह आँधी
प्रबल झंझावात
उखड़ते महावृक्ष
विपथगा महानदियाँ
घनघोर अँधेरी रात
श्मशान- सा समाँ
वृक्ष के कोटर में
डरा- सहमा
चिड़िया का नन्हा
बच्चा
डर से काँपता,
माँ से बोला :
माँ !
हमारा क्या होगा
माँ ने
अपने पंखों में
उसे समेटते हुए कहा :
“डरो
मत, मैं हूँ ना!”
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