मन से उर -कम्पन से
लिखूँ शुभकामना ।
उँगली तुम जीवन में
स्नेह की थामना ।
उगते रहें
सूरज
नित द्वार तुम्हारे ।
तुम नहीं
हारना
जग चाहे ये हारे ।
करना न पड़े कभी
दु:खों का सामना ।
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
अच्छी रचना .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!
बहुत सुन्दर पंक्तियां…………जैसे नेह के धागों में पिरोई हों………मोती की लड़ियां………………॥
अच्छी रचना .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियां…………
ReplyDeleteजैसे नेह के धागों में पिरोई हों………
मोती की लड़ियां………………॥