भीकम सिंह
राजनैतिक
कार्यकर्ता
लड़ना
चाहते हैं
हाथापाई
करना चाहते हैं
राजनेता
देखते हैं
और
व्यंग्य से हँसते हैं
मतदाता
गमगीन
बेबस
हैं कि वो,
करें
तो क्या करें
।
राजतंत्र
बढ़ता जा रहा है
लोकतंत्र
-
हाशिये
की ओर
खिसकता
जा रहा है
संवेदनशील ?
निर्वाचन
आयोग
बेबस
है कि वो ,
करे
तो क्या करे
।