डॉ सुधा गुप्ता
1
दिन चढ़ा है
शीत -डरा सूरज
सोया पड़ा है
दुबक रज़ाई में
फिर सो गया
3
हरे थे खेत
पोशाक बदल के
हो गए श्वेत
4
बर्फ़ीली भोर
पाले ने नहलाया
पेड़ काँपते
5
दानी सूरज
सुबह से बाँटता
शॉल- दोशाले
6
पौष की भोर
कोहरा थानेदार
सूर्य फ़रार -0- डॉ सुधा गुप्ता जी के और अधिक हाइकु अनुभूति पर पढ़ें