डॉ. सुरंगमा यादव
तिरंगा प्यारा है
स्वाभिमान हमारा
इसकी खातिर मिट जाएँ
सौभाग्य हमारा है
सरहद पर लहराता है
शत्रु सदा घबराता है
वीर जवानों के तन-मन का
भूषण प्यारा है
हर घर ये लहराएगा
कोटि कंठ जय गाएगा
इसके रंग में रँगा हुआ
भूमण्डल सारा है
प्रेम-सुधा बरसाता है
सबको गले लगाता है
एक सूत्र में हमको बाँधे
जन-गण दुलारा है।