अनिता मंडा
साथ रहे जब चाचा के साबू
आते हैं फिर किसके काबू
कम्प्यूटर से तेज चला है
ऐसा ग़ज़ब दिमाग़ मिला है
चाचा पहनें वास्कट, पगड़ी
लाल रंग की लगती तगड़ी
साथ रखें हैं पॉकेट घड़ी
प्यारी सी जादू भरी छड़ी
चाचा भी तो ख़ूब चटोरे
भर खाएँ तरबूज कटोरे
चाची के बेलन के आगे
गुमसुम गुपचुप चाचा भागे
पोल्का डॉट की पहने साड़ी
कभी सयानी कभी अनाड़ी
चाची का किरदार भला है
सबको दिल से प्यार मिला है
बीनी चाची चाहे कंगन
जग घूमे करता उनका मन
चालबाज ठग चोर लुटेरे
आम आदमी को जब घेरे
तब उनको व्यवहार सिखाते
नैतिकता का पाठ पढ़ाते
ताक़त में साबू का सानी
नहीं मिलेगा है हैरानी
साबू को जब गुस्सा आता
ज्वालामुखी कहीं फट जाता
साबू भागे पहने कच्छा
लगे पायजामा भी अच्छा
दाबू ने दी कुंडल बाली
साबू ने कानों में डाली
ढेर चपाती और तरकारी
साबू के खाने की तैयारी
चाचा-चाची को काँधे पर
साबू सैर करा आता घर
साबू का दुश्मन है राका
छिप छिप कर डाले वो डाका
दूध मिले, रॉकेट
मटकता
झट-झट बाउल भरा गटकता
टिंगू मास्टर दिल बहलाये
तरकीबों से काम बनाये।
काम चुटकियों में सब होते
बच्चे पढ़-पढ़ कर ही सोते
बच्चों का परिवेश बनाया
कितना सुंदर देश बनाया
बचपन की हैं याद दिलाते
पचपन में भी हैं मन भाते
प्राण पदम् श्री प्राण निराले
कितने किस्से हैं रच डाले
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