पथ के साथी

Friday, August 22, 2008

सत्य

सत्य
सत्य केवल एक होता है,
इसलिए अकेला होता है ।
सत्य दो नहीं होते ;
इसलिए सत्य का
कोई सफ़र का साथी नहीं होता ।
उसे सारा सफ़र
अकेले ही तय करना होता है ।
कोई बन्धु ,
कोई मित्र,
कोई सगा
उसके साथ चलना
पसन्द नहीं करता ।

-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
22-8-2008

हालात


हालात
गले-गले तक महँगाई है
हर निर्धन लाचार है ;
महलों की मस्ती में डूबा
हँसता भ्रष्टाचार है ।
जंगल तक में जाकर देखा
भला आदमी नहीं मिला;
गलियों-गलियों जाकर देखा
गुंडों की भरमार है ।।


चित्रांकन :डॉ अवधेश मिश्र



रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु