पथ के साथी

Tuesday, January 26, 2021

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गुंजन अग्रवाल 

 1

हो न कठपुतली न केवल वोट वाला यन्त्र हो।

आदमी हो आदमी सद्भाव इसका मन्त्र हो।

गूंज वन्देमातरं की  गूँजती हरपल रहे-

तब सफल सच मायनों में ये दिवस गणतंत्र हो।

2

अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन इतना ध्यान रखो।

भारत माँ की आन- बान और सबसे ऊपर शान रखो।

तू- तू मैं- मैं हाथापाई आपस में कर लो जितना-

भारत मे गर रहना तुमको संविधान का मान रखो।

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