मुमताज -टी एच खान
1
जीवन-नौका
गुरु है पतवार
ले जाए पार ।
2
नि:स्वार्थ भाव
न कोई भेद-भाव
ज्ञान लुटाए
3
ज्ञान लुटाए
3
नेह लुटाए
हम पर सदा वो
पावन मन
पावन मन
4
अन्धेरी गली
बनकर उजाला
आया है गुरु
5
अन्ध जीवन
किरने उजाले की
किरने उजाले की
लाया है गुरु
-0-
मुमताज -टी एच खान