शब्दों के उजाले की किरनें धरती पर जगाई थी ॥
इस दुनिया ने था जाना उसे हर-दीप के नाम से ।
हमने तो उसमें सगी बहन की पाक सूरत पाई थी ॥
आज के दिन कहता है दिल -तू ऐसा उजाला बने ।
रौशन हो सारा यह जग ,रोज हर पल दिवाली मने॥ आज डॉ हरदीप कौर सन्धु का जन्म दिन है ।इस अवसर पर इनका पंजाबी ब्लॉग http://punjabivehda.wordpress.com/2011/05/17/ਧੀਆਂ-ਧਿਆਣ
असीम शुभ कामनाओं के साथ
काम्बोज