पथ के साथी

Tuesday, May 17, 2011

उजाले की किरनें


लाडो बिटिया जो आज के दिन दुनिया में आई थी ।

शब्दों के उजाले की किरनें  धरती पर जगाई थी ॥

इस दुनिया ने था जाना उसे हर-दीप के नाम से  ।

हमने तो उसमें सगी बहन की पाक सूरत पाई थी ॥

आज के दिन कहता है दिल -तू ऐसा उजाला बने ।

रौशन हो सारा यह जग ,रोज हर पल दिवाली मने॥                                         आज डॉ हरदीप कौर सन्धु का जन्म दिन है ।इस अवसर पर  इनका पंजाबी ब्लॉग http://punjabivehda.wordpress.com/2011/05/17/ਧੀਆਂ-ਧਿਆਣ
और हिन्दी ब्लॉग http://shabdonkaujala.blogspot.com/2011/05/blog-post_17.html भी देखिए ।
असीम शुभ कामनाओं के साथ
काम्बोज