'घुंगरी' उत्सव तब ही मनाएगी
डा.कविता भट्ट
हे०न०ब० गढ़वाल विश्वविद्यालय
श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड
सिसकते-प्रश्नों
के उत्तर
ये
पहाड़न जब पा जाएगी
झुकी
कमर में प्राण-संचार होगा
झुर्रियों
में धँसी हँसी- आँख नचाएगी
सरकारों
का उत्सव 'घुंगरी' तब मनाएगी
ऊँची-नीची
पहाड़ी पगडण्डी पर
कोई
गर्भवती प्राण नहीं गँवाएगी
गाँव-गाँव
कस्बे-कस्बे प्रसूति-डॉक्टर
स्वास्थ्य-सुविधा
जब भी पा जाएगी
सरकारों
का उत्सव 'घुंगरी' तब मनाएगी
जब
अल्ट्रा साउंड साउंड करेगा
एक्सरे
स्वास्थ्य किरण फहराएगी
स्वस्थ
वार्ड अस्पताल पदचाप करेगा
खुश
होकर ग्लूकोज की बोतल लहराएगी
सरकारों
का उत्सव 'घुंगरी' तब ही मनाएगी
ठेकों
से निकले शराबी पति को
जब
अपना निष्प्राण तन न थमाएगी
चेहरे
पर झुर्री उगाते बोझिल दिनों और
घरेलू
हिंसक रातों से जब मुक्ति पा जाएगी
सरकारों
का उत्सव 'घुंगरी' तब ही मनाएगी
देश
को बिजली-पानी देता प्रदेश
जब
स्वयं बिजली-पेयजल पा जाएगा
उसकी
बिटिया उसके जैसे बोझ न ढोकर
पढ़-लिखकर
इतिहास रच नाम कमाएगी
सरकारों
का उत्सव घुंगरी तब ही मनाएगी
शिक्षित
बेरोजगार बेटे की जवानी
सुदूर
कहीं पलायन की भेंट न चढ़ेगी
ख़स्ताहाल
रोड- एक्सीडेंट में अपना खोकर
जब
यह पहाड़न रो-रो पत्थर न हो पाएगी
सरकारों
का उत्सव 'घुंगरी' तब ही मनाएगी
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'घुंगरी'=
पहाड़ी महिला हेतु प्रयुक्त संज्ञा