पथ के साथी

Tuesday, July 3, 2012

कुछ फूल -कुछ शूल



रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
बहुत असर अपनों की  दुआओं में होता
ज्यों  खुशबू का झोंका हवाओं में होता  । ।
2
पहाड़ों से टकराकर सदा जो  पार जाता है  ।
अपनों से वह मुसाफ़िर सब  जंग  हार जाता है  । ।
3
मुझको अपनों के बीच मिली बेगानी दुनिया ।
जबसे बेगानों में आया ,अपने बहुत मिले । ।
-0-