पथ के साथी

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Sunday, July 12, 2020

1016-काश उसने मुझे समझा होता !


कनिका चतुर्वेदी

काश उसने मुझे समझा होता
ज्यादा नहीं थोड़ा समझा होता
सब कुछ जानक अनजान रहा वो,
काश उसने मुझे समझा होता !

मेरे दिल की उलझन को उसने समझा होता
अगर नहीं समझ रहा है
तो उसने मुझसे पूछा होता
काश उसने मुझे समझा होता !

काश उसने मुझे समझा होता
थोड़ा अपना बताता, थोड़ा मेरी सुनता,
इस रिश्ते को सुन्दर बनाता
काश उसने मुझे समझा होता !

माना की समय नहीं है उसके पास
पर मेरी बाते सुनने को
उसके पास समय होता
काश उसने मुझे समझा होता !

अगर मैं कुछ बोलती उसको
तो मेरी बातों पर ध्यान देता
कोशि करता मुझे समझने की
काश उसने मुझे समझा होता !

जब बाते इतनी बिगड़ गई, 
लगा जैसे सब बदल जागा
तो अपना समय निकाल कर
उसने मुझे समझाया होता
काश उसने मुझे समझा होता !

अगर सच में चाहता वो
ये सब कुछ होने ही न देता
और एक बार प्यार से मुझसे बोलता
कि  आई लाइक यू
काश उसने मुझे समझा होता !

करने लगा हूँ मैं तुमसे प्यार
अब कभी भी न करना दूर जाने की बात
डरता हूँ मैं तुम्हे खोने से
काश उसने मुझे समझाया होता
काश उसने मुझे समझा होता !

एक बार कोशिश तो करता
अपना मुझको मानता अगर
मुझसे बात को करता सही
चाहे समय नहीं उसके पास
पर समय निकलता तो सही
मुझ पर अपना हक रखता
अपना बनाने की कोशिश करता तो सही
काश उसने मुझे समझा होता !

जब सब बिखरने जा रहा
तभी उसने बात की तो होती
बोलता मुझसे न करो ऐसा
मुझसे अलग न हो तुम
अगर ऐसा करना ही था मुझे
तो साथ तुम्हारा मैं क्यों चुनता
काश उसने मुझे समझा होता !

एक बार कॉल लगाता तो सही
एक बार बात करता तो सही
अगर चाहता था वो मुझको
एक कोशिश रोकने की करता तो सही
काश उसने मुझे समझा होता !

फिर चाहे कैसे भी निकले
अपना समय निकालता तो सही
थोड़ी अपनी बोलताथोड़ी मेरी सुनता तो सही 
एक बार और कोशिश करता तो सही

अगर  मुझे वो चाहता है, 
काश वो मुझे समझा होता !
काश वो मुझे समझा होता !!
-0-
शिक्षा: एम कॉम,बी एड(अन्तिम वर्ष)
सम्पर्क:74, चौबे जी का बाग़, फ़िरोज़ाबाद(उ प्र)-283203

Thursday, April 25, 2019

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स्वाति शर्मा

सिर्फ दाँत दिखाना ही ज़रूरी नहीं
मुस्कुराने के लिए
मन की प्रसन्नता भी ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
अपनों का साथ ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
उनके प्यार की सौगात ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
दो वक्त का खाना ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
मेहमानों का आना भी ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
दोस्तों का साथ होना ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
पुरानी तस्वीरें हाथ में होना ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
प्रभु की भक्ति भी ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
मन में इच्छा शक्ति ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
-0-

Monday, October 9, 2017

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नवलेखन
माटी का मोल (हरियाणवी)
वर्षा राना

वर्षा राना

सत्य अहिंसा ना रहगी इब चालाकी हत्थयार होई
बिन सीढी मंजिल ढुंढै या कैसी पौध त्यार होई।।
खोटी करणी का घारा घलरया बिना न्यार गंड्यासा चलरया
जीन्नस आले खेत खोस कै ईब माटी का मोल रै लगरया।।

ढुंढे तै भी मिलते कोन्या बावन कलिये दामन
घाट बचे है गामां म्ह जनेऊ धारणीये बामण।।
आधी रात शिखर तै ढलगी हुया पहर का तड़का 
घणे मित्र तै दगा कुमागै भुल्ले बाप भाई का धड़का।।
आडै जस्टिन बिबर मुन्नी शीला नै निरे छडदम तारे है
लख्मीचंद रामसिंह की गेट्टी पै इन्है कहवाड़े मारे है।।
जमाकै विदेशी बाणा अर बछेरे की तरिया कूद कूद कै
 गाणां करकै थम कुणसे मैडल पैगे रै
बडे बुडढयां के खड़गे , तुर्रे अर धुन खाप की रुलागे रै।।
पह्लाम अपनी संस्कृति पश्चिमी सभ्यता के नंगे नाच पै रे उडाई
जिब यु सांग रास ना आया फेर बाबया के चकरा म्ह लुटायी।।
सारा करणीया धरणीया हौके क्युं तु अनजान अनबोल रै बणरया
जीन्नस आले .................................................

ब्रह्मा समान पूजनीय था पंचैती फैसलया तै पंचैत लड़ैथा
जेवड़े जिसे सबर आले माणस का साफ नियत तै इंसाफ करै था।।
समय का पहिया कड़थल खा गया किसा गजब यु चाला पटगया 
एके चेहरा सयामी दिखै नौ चेहरे रावण भी गोज म्ह धरगया।।
ठाडा पंचैती इज्जत, पिस्से , शोहरत आला होकै भी 
खोटी नित लालच पै धरगया
मेहनत करणीये का गाढा लहू भी रिशवत की चवन्नी म्ह पिसकै पानी बन गया।।
रै देख कै नै जिभ काढले कदे चवन्नी देणीया ही पैर ना धरजया 
जीन्नस आले .................................................

चलो संस्कृति नै बचान खातर कोई दूसरा राह टोहलयो रै 
छोड कै नै ड्रम, प्यानो, तबले घडूआ बांजु पै कोई देशी रागनी मोहलयो रै।।
जो टक्कर म्ह आवेगा म्हारी ओ जांदा ए खाट पकड़ैगा
नाड़ी जालेगी कुहणी म्ह ओ हफ्ता मुश्कल औटेगा।।
फेर कहवांगे डेठ मारकै हम आ बंशी, छोटूराम,लख्मी ,
हरफूल , तैयार देशी घी दूधां तै होरे है 
आज्यो डटज्यो जे दम हो तो थारे फूफे हरियाणे तै आ रहे है।।
यू ज्जबा , मेहनत , लगन इंद्रधनुष के सातो रंग पलटज्यागा
जूणसे जूणसे माटी पै नजर टिकयारे सारया नै मोल का बेरा पटज्यागा।।
      -0- गाँव/डाकघर-सग्गा, तहसील-निलोखेडी, जिला-करनाल -132001
  ( हरियाणा)