पथ के साथी

Sunday, March 30, 2025

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गुंजन अग्रवाल

 




माता शेराँवाली

द्वार पड़े तेरे

भर दो झोली खाली।

 

माँ वेग सहारा दो

भँवर फँसी कश्ती

अब मात किनारा दो

जागो मैया काली।

आस लगी तुमसे

भर दो झोली खाली।1

 

सुन लो माँ जगदम्बे

राह तके नैना

दर्शन दो माँ अम्बे।

हे अष्ट भुजा वाली

सिंह सवारिन माँ

भर दो झोली खाली।2

 

तुम भाग्य विधाता हो

करुणा करती माँ

सब सुख की दाता हो

तुम हो लाटा वाली।

भूल नही जाना 

भर दो झोली खाली।3

 

घेरे है अँधियारा 

मन मंदिर में आ

कर दो माँ उजियारा 

भक्तों की रखवाली

तुम मैया ज्वाला

भर दो झोली खाली।4

 

'अनहद' तेरी वाणी

ज्ञान, दया, दर्शन

तू ही वीणा पाणी 

जय माँ खप्परवाली

घर मेरे आओ 

भर दो झोली खाली।5