नए साल से दो बातें
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
दो बूँद भी
प्यार मिला है
मुझको जिनसे
उनको
भर-भर गागर देना ।
सुख-दु:ख में
जो साथ रहे
परछाई बन
सुख के
सातों सागर देना ।
बोते रहे
हरदम काँटे,
प्यार-भरे दिल
तोड़े
उनको भी समझाना ।
फूल खिलाते
रहे जो भी
सपनों में भी
उनको
हरदम गले लगाना।
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