पथ के साथी

Friday, August 14, 2015

जय जनतंत्र हमारा !



डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
जी पी खन्ना के सौजन्य से
 कण-कण मुग्ध करे मन-मानस
बहे प्रेम की धारा !
जय जनतंत्र हमारा !  जय जनतंत्र हमारा !

उन्नत मस्तक शिखर हिमालय
मात वैष्णों ,अमर शिवालय
सुंदर झील, नदी-नद न्यारे
श्री ,कश्मीर सभी को प्यारे
हिम कण बरसें, कहीं मोहता
फूलों भरा शिकारा
जय जनतंत्र हमारा ! जय जनतंत्र हमारा !

फूलों की घाटी मन भावन
सागर तीर्थ सुपूजित पावन
राम ,कृष्ण से धन्य धरा है
बुद्ध ,विवेक ,महावीरा है
पाठ अहिंसा का देकर फिर
अप्पो दीप पुकारा
जय जनतंत्र हमारा ! जय जनतंत्र हमारा !

गाँधी और सुभाष वीर ने
सुख ,बिस्मिल,आज़ाद धीर ने
भगत सिंह ,झाँसी की रानी
कितने ही अनगिन बलिदानी
सुत अश्फ़ाक ,अब्दुल हमीद ने
अपना जीवन वारा !
जय जनतंत्र हमारा ! जय जनतंत्र हमारा !

वेदों का विज्ञान न भूलो
भाभा और कलाम न भूलो
दुर्गा ,इन्दिरा और सुनीता
हुई कल्पना परम पुनीता
सकल जगत में धूम ,तिरंगे-
का सम्मान सँवारा !
जय जनतंत्र हमारा ! जय जनतंत्र हमारा !
~~~~~~ॐ~~~~~~