नवागत-परिचय
नाम - स्वाति वल्लभा राज,
जन्म-तिथि- 22-4-1987
पिता- श्री विनोद कुमार तिवारी (वाणिज्य लिपिक- रेलवे)
माता- श्रीमती अनीता तिवारी (शिक्षिका)
मूल रूप से मै सिवान(बिहार) की निवासी हूँ | स्नातक इलाहाबाद से की है |
साहित्य से लगाव बचपन से ही है पर अब भावनाओ और अनुभवों को शब्दों का लिबास देना चाहती हूँ |
1-फुर्सत के पल
फुर्सत के पल
आज काटते है बेहिसाब
कभी इन्ही के आगोश में
ज़िदगी आबाद थी |
2-सीलन
गुजरे वक़्त की सीलन ,
अब भी मौजूद है दीवारों में .
रंगों की कई परत भी
निशान न मिटा सकी |
3-राजनीति
अहिंसा,सत्याग्रह के दत्तक ही,
भूल चले उस राह को.
नत-मस्तक हूँ मै
हे राजनीति !
तेरे काया-कल्प पर !
स्वर्णिम इतिहास रचने वाले
पोत रहे अब स्याही,
नत-मस्तक हूँ मै हे! राजनीति
तेरे नव रूप पर !
4-नाकाम कोशिश
कर गए बेपर्दा
अनकहे ज़ख्मो को ये आँसू,
कोशिश तो की थी हमने
ता-उम्र मुस्कुराने की |
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स्वाति