पथ के साथी

Tuesday, January 17, 2012

आँसू तुम्हारे(हाइकु)


रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
आँसू तुम्हारे
भिगो गए आँगन
मेरे मन का ।
2
देखे न जाएँ
अपनों के  ये आँसू
खूब रुलाएँ
3
पोंछ दूँ नैन
मिल  जाए मन को
दो पल चैन
4
तुमने जोड़ा
ऐसा प्यारा ये  नाता
जीना सिखाता
5
तुम न आतीं
मन के मन्दिर में
जले न बाती
6
मेरी हथेली
तेरे भीगे नयन
लाओ पोंछ दूँ
-0-