ज्योत्स्ना प्रदीप
1-
सर्द मौसम
सर्द मौसम पर भी
धूप को तरस आ गया
वो करती इंतज़ार
अपने सैनिक का
सालों से लो !
फिर नया बरस आ गया !
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2-असर दुआओं का
कभी तो दुआओं का
कुछ इस तरह
असर होगा
इस दिल में जलती
पूजा की धूप से
सुवासित तेरा हर मंज़र होगा !
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