पथ के साथी

Friday, July 22, 2022

1225-वर्षा

 

रश्मि विभा त्रिपाठी

1

आसमान से


मेघदूत ने छोड़ा

वर्षा का घोड़ा।

2

करते घन

भिगो धरा का तन

फोटो- सेशन!

3

बूँदें शैतान!

बेबात ही लता के

मरोड़ें कान।

4

लो गया खुल

बरखा का फ़व्वारा

प्रेशर फुल!

5

भीगती धरा!

बिजली ले कैमरा

फोटो खींचती।

6

बिजली- संग

बूँदें बल खाकर

जमातीं रंग।

7

सावन मास!

धरा के पाँव चूमें

मेघों की आस।

8

दामिनी बोली-

मेघा! भर आलाप

मैं दूँगी थाप।

9

बूँदें आ गईं

सुन मेघों का गान

देने को तान।

10

टूटी झोंपड़ी!

गरीब की वर्षा में

परीक्षा कड़ी।

11

नभ से चली

वर्षा नाचती- गाती

धरा की गली।

12

पास जो आए

पावस भू से भेंट

आँसू बहाए!

13

मेघ- नदिया

भरके गगरिया

बरखा चली।

14

बादल काँपे

वर्षा मार छलाँग

कूदी धरा पे।

15

बूँद- बिटिया

भू- माई से लिपट

फफका जिया!

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