पथ के साथी

Sunday, September 14, 2025

1470-हिन्दी -दिवस

डॉ. कनक लता मिश्रा



तुम स्रोत हो, तुम भाव हो

तुम शक्ति हो, तुम प्रभाव हो

हस्ती हमारी तुमसे है

 मेरा पथ हो तुम, तुम्हीं पड़ाव हो

अज्ञान का तम छँट गया,

घनघोर बादल हट गया

अंतः तमस् ज्योतित हुआ,

तुम वह अलौकिक प्रकाश हो

अतिशय तुम्हारे रूप हैं,

अतिशय तुम्हारी शैलियाँ

कभी गद्य में कभी पद्य में,

हर रंग में अठखेलियाँ

डूबी तुम्हारे ज्ञान रस,

तब पार उतरीं कश्तियाँ

उत्कृष्ट तुम, तुम दिव्य हो,

तुम ईश्वरीय नैवेद्य हो


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