पथ के साथी

Tuesday, March 21, 2023

1304-किसका मलाल है

 शशि पाधा

 चुप्पी क्यों साधी, किसका मलाल है

लगता है उनका, हाल बेहाल है।

 हमने तो कह दी, बात मन प्रीत की

अनमन से बोले, अच्छा ख़याल है।

 रहे अजनबी ही, कई बार मिलकर 

रिश्तों के मन में, कुछ तो सवाल है।

 बगिया से पूछो, रंगों का घुलना

बिन होली किसने, छिटका गुलाल है।

 चलो उस शहर में, जहाँ प्यार बसता 

हर दिल में जलती, स्नेही मशाल है ।

 न रूठे मनाएँ, गिला हो न शिकवा

इस दिल ने छेड़ा, मधुर सुर-ताल है।

 कहीं टूटे छप्पर, कहीं तो महल हैं

उस रब की मरजी, उसका कमाल है।

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