पथ के साथी

Monday, December 31, 2012

नया गीत


नया गीत  
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

नए साल में अब ,
नया गीत गाना ,
अरे बागवाँ इस
चमन को सजाना ।


नव वल्लरी ,रुत 
नई हों छटाएँ ,
तरु -वृन्द झूमें 
सरस हों घटाएँ 
कलियाँ हँसें 
फूल गाएँ तराना ।।

मुदित हो धरा 
निर्मल गगन हो 
सुखद स्वप्न सारे 
सँजोए मगन हों 
खुशियों के शतदल
मन-सरसि खिलाना ।।

प्रखर रश्मियाँ हों 
सुनहरी दिशाएँ 
सुवासित पवन 
प्रीत के गीत गाएँ 
समय तू सदा अब 
यहाँ मुस्कुराना ।।

अरे बागवाँ इस
चमन को सजाना ।।
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