पथ के साथी

Friday, July 20, 2012

तेरा दु:ख




रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
तेरा दु:ख मुझे  तो अपने -सा लगे
तेरा मिलना किसी सपने-सा लगे ।
2
               जीवन में सबने ही ,कुछ सपने पाले हैं ।                                   कितने टूटे या बचे , रब के हवाले हैं ॥