दस्तक दे दी है
शशि पाधा
दस्तक दे दी है
फिर से
फ़ोटो-शशि पाधा |
वसंत ने
उसे शायद पता नहीं
कि
धरती जूझ रही है
अनजान दुश्मन से
पहाड़ खड़े हैं
हैरान–बेजान
नदियाँ–सागर
पूछ रहे हैं
जटिल प्रश्न
हाथ मलता देख रहा है
आसमान
और दुश्मन
चुपके से कर रहा है
प्रहार,आघात
ओ रे वसंत!
तुम्हारे पास तो होगी न
कोई छड़ी, जादू की-------
सुन रहे हो न ??????
वह छड़ी घुमा दो
जितने भी पतझरी प्रयास हैं,
उन्हें भगा दो !
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