पथ के साथी

Sunday, December 8, 2019

939-सर्दी की रात


कमला  निखुर्पा

1
सर्दी की रात
रश्मिरथी बनके 
आया है चाँद।


2
चंद्र- किरण
पतझड़ी तरु को
दे पुलकन।
3
चंदा के मीत
चकवी- संग गाएँ
मिलन गीत।
4
चाँदनी रात
तरु पहरेदार
खड़े तैयार। 
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