गुरु का वास
मुकेश बाला
कहता है सारा जहाँ
गुरु बिना ज्ञान कहाँ
ज्योति हृदय में जगा दे
दूर हर डर को भगा दे
गुरु प्रकृति का वरदान
ये है दूसरा भगवान
जीवन जहाँ से शुरू
माता वो पहला गुरु
राह को जो रोशन करे
मिले जब गुरु का ज्ञान
जगत में बढ़े सम्मान
हृदय में हो गुरु का वास
तो खत्म होगी हर तलाश
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