पथ के साथी

Sunday, May 10, 2020

985- ओस कणों सी पावन, माँ

                      बी.एल.आच्छा

घट्टी की घम्मर में जो
  गोद सुला ,माँ
  निंदिया के झूले में जो 
   गीत सुनाए, माँ।

लाडेसर की किलकारी से 
रूह मचल जाए, माँ
जैसे लहरों में चमक गई हो
सूर्य किरण -सी ,माँ।

कच्ची पहली में जाने पर 
तिलक लगाए ,माँ
गुड़ और दही खिलाकर 
जीवन की राह बनाए, माँ।

धड़के दिल भी हुलसे मन भी 
पर जब बच्चा घर आ जाए 
छाती से लग जाए ,माँ।
भारी बस्ता, होमवर्क में
साथी- सी बन जाए, माँ। 

आँख पिता की बच्चा देखे
कनखी से समझाए ,माँ
हलवे से लेकर पिज्जा तक 
बच्चे को लालच दे जाए, माँ।

कभी मनौती ,कभी चुनौती 
रंभाती गौ की वाणी में 
देवल- देवल जाए, माँ।
तपती नन्नू की काया से
आँखें तर हो जाए ,माँ।
फिर बच्चे की देख-रेख में
पिघल मोम हो जाए, माँ।

बेटे को घोड़ी चढ़वाकर
या बेटी के हथलेवे में 
छाती से भर जाए, माँ
आशीषों के गीत गवाकर 
कुमकुम पाँव सजाती, माँ।

कंधे पर से पार निकलते
मोटे -मोटे पोथों से सन्नाते
देर रात पढ़ते बच्चों को 
चुपचाप दूध दे जाए, माँ।
पोथी का व्याकरण छोड़
दिल की ग्रामर में खो जाए ,माँ।

पंछी जब युगल हो जाते
अलग अपार्ट में उड़ जाते
तब भी तीज त्योहारों पर 
लपसी ,खीर पहुँचाती, माँ।

ऊँची रैंक विदेशी ऑफर 
भीतर से भर जाती ,माँ।
पर विदेश जाते बच्चे को
देख  विकल हो जाती ,माँ।
शुभ संख्या में रुपये देकर
राहें आसान बनाती ,माँ।

नटखट बचपन की स्नेह नियंता
  बच्चों के जीवन की अभियंता
पंखों में ऊर्जा भर कर 
आकाश उड़ाती प्यारी, माँ
नीचे गिर जाने के डर से 
अपना पल्लू फैलाती, माँ।

कोमल धरती, निर्मल गंगा 
मधुरा भक्ति, सृजन की शक्ति 
ओस कणों सी पावक, माँ।
-0-बी.एल.आच्छा,B.L.Achha,36, Clements Street,Behind Saravana Stores,Puruswakam
Chennai (T.N.)-600007
Mob.9425083335
-0-