साहित्य -संवाद
बहन डॉ. जेन्नी शबनम, अनिल पाराशर'मासूम', शानू पाराशर जी से 21 मार्च को इण्डियन कॉफ़ी हाउस में साल भर की महामारी की उदासी से निकलकर खुले में पेड़ों के नीचे बैठना और साहित्य-चर्चा, एक सुखद झोंके की तरह था। बातचीत में समय कब पंख लगाकर उड़ गया, पता ही न चला। प्रवासी मन-डॉ. जेन्नी शबनम, तीसरा पहर-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', और 'ख़्वाब क़तारों में(सम्पादक -अनिल पाराशर'मासूम') का अनौपचारिक विमोचन। कॉफ़ी का स्वाद बातचीत के साथ बहुत आनन्ददायक था। इस अवसर पर अपने सभी अन्तरंग साथियों और परिवारजन को भी याद किया।
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'