कमला निखुर्पा
1
गागर छोटी
भरूँ मैं तो सागर
हाइकु हो ना ?
2
बहती जाए
नयनों से नदियाँ
सागर हो क्या ?
3
महक उठा
मोरा माटी- सा तन
फुहार हो क्या ?
4
डूब चली मैं
नेह- ज्वार उमड़ा
चन्दा हो क्या ?
5
तिरती जाऊँ
ज्यों लहरों पे नैया
खिवैया हो क्या ?
6
तुमने छुआ
क्या से क्या बन चली
पारस हो क्या ?
7
कुछ यूँ लगा
उमंगित है मन
त्योहार हो क्या ?
8
कौन हो तुम ?
कितने रंग तेरे ?
चितेरे हो क्या ?
9
जो भी हो तुम
हो जनमों के मीत
कह भी दो हाँ !
10
मैं नहीं बोली -
बोल पड़ी कविता
छंद ही हो ना ?
-0-