पथ के साथी

Saturday, August 29, 2015

बहना मेरी



1-कमला निखुर्पा
1
लुटाती रही 
बचपन की मस्ती
कितनी सस्ती ।
2
मीठी मिसरी
कभी मिर्ची -सी तीखी
बहना मेरी ।
3
हुए पराए
माँ के कोख जाए
कच्चे धागे ।
4
नेह की  डोर
अनजाना बंधन 
मन विभोर ।
-0-
2-रचना श्रीवास्तव
1
चाँद सजाये
भाई तेरा ये घर
तारों के संग
2
ख़ुशी के दीप
सजाये बहन ये
भाई के लिए
3
जीवन धूप
साया बन बादल
संग में चले
4
डरती नहीं
कठनायों से मैं
तुम  जो संग
5
आशीष -साया
स्नेह की रौशनी हो
घर में तेरे
6
घागा नहीं
विश्वाश है मेरा ये
रक्षा करोगे
7
करूँ गलती
तो,माफ़ भी करोगे
जानती हूँ मेँ
-0-
3-डॉ जेन्नी शबनम
1
नेह की डोर
बिछड़े अपने को
खींच ही लाई !
2
पावन सूत
बाँध देता बंधन
रहे जो दूर !
3
छोड़ो संताप
काहे करे विलाप
भइया आया !
4
नहीं छूटता
राखी याद दिलाता
मन का नाता !
5
भले न आना
पर न बिसूरना
नेह का नाता !
6
टीस दे जाती
बचपन की यादें
राखी जो आती !
7
दुआ ही देंगे
आओ कि नही आओ
भइया मेरे !
8
पैसे ने तोड़े
कच्चे धागे-से नाते
राखी ने जोड़े !
-0-
4-हरकीरत हीर
1
रिश्तों का प्यार
लिए आया है द्वार
राखी त्योहार।
2
राखी है भाई
लिये बहना आई
बाँधे कलाई।
3
छूटे न कभी
तेरा मेरा ये प्यार
भैया हमार
4
राखी की मौली
लिए आई बहना
अक्षत - रोली।
5
रक्षा बंधन
इक पाक त्योहार
जैसे चंदन। 
6
हिस्सा न पैसा
सुख- दुःख में रहें
साथ हो ऐसा ।
7
है अनमोल
रिश्ता पैसों से भैया
इसे न तोल ।
8
राखी बँधाने
आसमाँ से उतरे
चाँद सितारे ।
-0-