सुभाष लखेड़ा
1 - कड़ुवा सच :
उसने विकास के लिए
लोगों से वायदे किये
जीत गया वह चुनाव
बढ़ते गए उसके भाव
ऊँचा हो गया जब कद
मिला उसको मंत्री
पद
उसका हो गया विकास
सब कुछ है उसके पास
उस जैसों की वजह
से
देश का हुआ सत्यानाश।
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2 - मौत के बाद
अपने बड़े विदा लेते
रहे
हम उस पीड़ा को भोगते
रहे
जीवन -चक्र चलता रहा
उम्र का बोझ बढ़ता
रहा
साल दर साल
" जन्म दिन मुबारक हो "
निरंतर सुनता रहा
फिर आया वह वक़्त
जब मिले हमें वे
सभी बिछड़े वहाँ
एक दिन सभी को जाना
है जहाँ।
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