पथ के साथी

Wednesday, July 5, 2023

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हमारा प्यार

रश्मि विभा त्रिपाठी

 


तुम मेरे कृष्ण

मैं तुम्हारी राधा

हमारा प्यार

दुनिया के लिए है

प्यार का

एक सबसे पवित्र

उदाहरण

मगर

तुम द्वारका में

मैं बरसाने में

किसी भी जमाने में

मैं तुम्हें

नहीं कर पाऊँगी वरण

पिछले जनम

जब तुम मेरे राम थे

तब भी मेरा हुआ था हरण

हम कहाँ रह सके

एक दूजे के संग- संग

मन में ही

दबी रह गई

मिलने की उमंग

जब तुम थे मेरे फरहाद

और मैं शीरीं

तो

क्या तुम्हें है याद?

हमारे बीच

तब भी तो नहीं हो सका

कोई भी प्रेम- संवाद

जब

तुम थे राँझा

मैं तुम्हारी हीर

हम एक आत्मा

दो शरीर

कहाँ

एक दूजे के गले मिलकर

हमने तृप्ति पाई

कहाँ

मिला पाई

हमें तकदीर

जब- जब तुम आए

बाँहें फैलाए

हमारी राह में

कितने तूफ़ान आए

सुनो

हम मिलेंगे

तो सिर्फ

ख्वाबों- खयालों में

तुम्हारे नाम के ही होंगे

वे सारे पल

गुजरते दिन महीने सालों में।

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