पथ के साथी

Wednesday, December 26, 2018

861

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
मुक्तक
1
वो जब कभी दूर होते हैं
हम बहुत मजबूर होते हैं।
खो गए सन्देश बीहड़ में
सपन चकनाचूर होते हैं।
-0-
ताँका
1
तर्पण करें 
आओ सब सम्बन्ध
रुलाने वाले
धोखा देकर हमें
सदा सताने वाले।
2
एक तुम हो
जीवन में यों आए
खुशबू जैसे
जो कुछ है पास
तुम्हें अर्पण करें।

8 comments:

  1. बहुत ही भावपूर्ण सृजन भैया जी

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुन्दर ,जीवन का यथार्थ बताती , मन छूती

    ReplyDelete
  3. प्रेम और संबंधों का चित्रण करता सुंदर सृजन।

    ReplyDelete
  4. सुन्दर सृजन के लिए हार्दिक बधाइयाँ

    ReplyDelete
  5. आप सबका बहुत आभार

    ReplyDelete
  6. काम्बोज भाई सुन्दर सृजन है हार्दिक बधाई |

    ReplyDelete
  7. सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति! बहुत बधाई!

    ReplyDelete
  8. सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति! बहुत बधाई!

    ReplyDelete