तेरा अपना अलग वजूद है।
भावना सक्सैना
किसी -सा होने की चाह क्यों
तेरा अपना अलग वजूद है।
तेरी अपनी जुदा हैं शक्तियाँ
हर हुनर तुझमें मौजूद है।
इस एक दिन में है क्या धरा
तेरी जद्दोजहद हर रोज़ है।
तुझे लाँघने दरिया हैं कईं
जहां आग है, बारूद हैं,
तेरी राह लम्बी,
तन्हा भी है
हर दिन में कई हैं रुकावटें
तू ज़िंदा अब तक इसलिए
कि
जज़्बा तुझमे खूब है।
यही जज़्बा संग लिये तू चल
मंज़िल तेरी महबूब है।
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सही कहा भावना जी नारी के अन्दर जो शक्तियाँ है ।वह उनसे अनविज्ञ रह कर सब कुछ झेलती रही । अब समय आ गया है उसे अपना वज़ूद पहचानने का ।बहुत अच्छी लगी कविता । शुभ कामनाये महिला दिवस पर नारी को जागृतकरने वाली कविता है ।बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद कमला जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
Deleteधन्यवाद कमला जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
Deleteबहुत सुन्दर कविता.... भावना जी बधाई!
ReplyDeleteधन्यवाद कृष्णा जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
Deleteधन्यवाद कृष्णा जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
Deleteबधाई भावना जी सुन्दर रचना हेतु
ReplyDeleteसभी महिला मित्रों को जीवन पथ पर संघर्ष की विजयगाथा लिखने हेतु अनंत शुभकामनायें
धन्यवाद कविता जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
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DeleteMahila diwas par sundar , sashkt rachana Bhavna Ji !
ReplyDeleteSabhi ko haardik badhaaii !
धन्यवाद ज्योत्सना जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
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Deleteधन्यवाद ज्योत्सना जी, आपको भी अनंत शुभकामनाएं
Deletenari shakti ka avahan karti paktiyan, josh jagati hui sunder hain badhai .
ReplyDeletepushpa mehra
Behtreen abhivyakti :)
ReplyDeleteतू ज़िंदा अब तक इसलिए
ReplyDeleteकि जज़्बा तुझमे खूब है
सही कहा भावना जी!
एक सकारात्मक सोच लिए बहुत ही सुन्दर कविता !
भावना जी बधाई!
भावना जी महिलाओं की शक्ति से उनकी एक बार फिर पहचान कराने के लिए सुन्दर रचना के लिए बधाई ।
ReplyDeleteसुंदर, जोशभरी कविता !
ReplyDeleteनारी की शक्ति... उसकी इच्छाशक्ति, उसके जज़्बे में ही निहित है !
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ भावना जी !!!
~सादर
अनिता ललित
सुन्दर कविता भवना जी ,,,,बधाई
ReplyDeleteसुन्दर कविता भवना जी ,,,,बधाई
ReplyDeleteभावनाजी बहुत सुन्दर भावानाप्रधान रचना के लिए बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteहर दिन में कई हैं रुकावटें
ReplyDeleteतू ज़िंदा अब तक इसलिए
कि जज़्बा तुझमे खूब है।
यही जज़्बा संग लिये तू चल
मंज़िल तेरी महबूब है।
bahut sunder bahan
badhai
rachana
सुन्दर कविता ...हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ भावना जी !!!
ReplyDeleteबिलकुल सही बात...| हम स्त्रियों का भी अपना एक अलग वजूद है...| एक इंसान के रूप में हम भी अपनी कुछ खासियत रखते हैं, फिर भला किसी और जैसे बनने की इच्छा करनी ही क्यों हो...?
ReplyDeleteबहुत सार्थक कविता...हार्दिक बधाई...|
सुन्दर कविता भावना, यकीनन नारी का अपना अलग वजूद है,
ReplyDeleteऔर उस पर भी कोई शक नहीं कि जो जज़्बा तुम में ख़ूब है...........