(राजस्थान दिवस 30 मार्च पर विशेष)
डॉ. निर्मल सैनी
धरती धोरां
री का वासी
लोग जिसको
बोले मारवाड़ी
हाँ मैं
राजस्थानी हूँ
सुबह दही
रोटी का कलेवा
दोपहर
में सांगरी खींपोळी की सब्जी
छाछ राबड़ी
सलाद में प्याज
रात को
डिनर में
दिन की बची सब्जी गुड़ दूध खानेवाला
हाँ मैं
राजस्थानी हूँ
गर्मी
में गली मोहल्लों बड़ के चबूतरों
और तपते
सुदूर रास्तों पर प्याऊ लगा दूँ
आये बारिश
तो खेत में बाजरा मूँग मोठ
काकड़ी
मतीरा बीज दूँ
सर्दी
की शामों में पोळी में
अलाव जलाकर
हथाई करता
हाँ मैं
राजस्थानी हूँ
गाय बिहाने
पर पूरे मौहल्ले में दही बाँटना
होली दीवाली
के अगले दिन
सभी के
घर जाकर धौक मारना
रामदेव
जी मेले में
कढावणी
बिलोवणी खरीद लूँ
राखी पर
बुआ और बहन को हर बार उडीकता
हाँ मैं
राजस्थानी हूँ
गाँव गुवाड़
में मारदड़ी गुलीडंडा
कबड्डी
खो-खो के पाळे
माँडूँ
गाँव गली
में दौड़ लगाता
सभी जिलों
की सेना भर्ती देख लूँ
सीमा पर
छिड़ी लड़ाई अगर
सीने पर
गोली खा लिपट तिरंगे में आता
हाँ मैं
राजस्थानी हूँ।
-0-
*कलेवा- नाश्ता
*हथाई- गपशप।
*पोळी - सामने हवादार खुला बरामदा।
*गाय बिहाने- गाय के बछड़ा देने पर।
*कढावणी बिलोवणी- दूध गर्म करने व दही
बिलोने के पात्र।
*धौक मारना- चरण स्पर्श करना।
*मारदड़ी गुलीडंडा - स्थानीय खेल।
*पाळे माँडूँ- पाले बनाऊँ।
-0-
डॉ. निर्मल
सैनी
वाइस प्रिंसिपल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय
शिक्षा: एम. कॉम. पीएच. डी.
पता - डूंडलोद झुंझुनूं (राज)
मोबाईल न. 7690040827
ईमेल - drnksaini@gmail.com
राजस्थान के पूरे जीवन को समाहित करती सुंदर कविता के लिए बधाई निर्मल जी को।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteमेहरबानी आपकी
बहुत सुंदर
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Deleteथैंक्यू जी
Deleteराजस्थान के साहित्यिक पटल पर उभरते नए सितारे को दिल की गहराइयों से शुभकामनाएँ और प्यार
ReplyDeleteआपका दोस्त सुनील अरोड़ा
प्रिय डॉ सुनील भाई हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद
Deleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति🧡❤️
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता
ReplyDeleteथैंक्यू जी
Deleteबहुत सुंदर 👌👌
ReplyDeleteThanks sir
Deleteबहुत सुंदर कविता।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीय
सादर
बहुत बहुत धन्यवाद आभार
DeleteVery nice nirmal ji
ReplyDeleteसुंदर कविता, बधाई निर्मल जी!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना और एक राजस्थानी होने के कारण और ज्यादा संबद्ध महसूस कर रही हूं बधाई आपको।
ReplyDeleteजी
Deleteबहुत आभार।
बहुत बढ़िया कहा 👌
ReplyDeleteथैंक्यू जी
Deleteराजस्थान की सुंदर सैर करवाने के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteराजस्थान का बहुत ही सुंदर चित्रण .. हार्दिक बधाई निर्मल जी
आपकी हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए धन्यवाद
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteथैंक्यू सर जी
Deleteराजस्थान का पूरा जीवन ही इस एक रचना में सिमट आया है, बहुत अच्छा लगा पढ़कर...मेरी हार्दिक बधाई...|
ReplyDeleteथैंक्स अ लॉट
Deleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Delete👌🙏
ReplyDeleteक्या बात है भाई जी
ReplyDeleteअति सुंदर ।।
ReplyDeleteवाह वाह सर जी ।
ReplyDeleteराजस्थानी, ठाट- बाट की बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति....
हार्दिक शुभकामनाएं
आपका हार्दिक आभार डॉ साहब
ReplyDeleteआपकी राय मेरे लिए
कुछ नया करने लिए टॉनिक है 😊
निर्मल सैनिक कविता में राजस्थान साकार हो उठा । आंचलिक रंग की सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteविभा रश्मि
Thanks a lot 😊
Deleteनिर्मल सैनी
ReplyDeleteCongratulations 🎉
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