रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
वाह, बेहतरीन । सर ! बसंतोत्सव तो भारत मना रहा है, लगता है माता सरस्वती जी भी आपके साथ कनाड़ा गयी हैं , लौट आओ सर ,हम भी कुछ अच्छा लिखना चहाते हैं ।
बहुत सुंदर मुक्तक। हार्दिक अभिनन्दन आपका।
वाह भाई काम्बोज जी | बहुत खूब ,आपके लेखन का जवाब नहीं है |बधाई बधाई |सविता अग्रवाल 'सवि' कैनेडा
बहुत सुन्दर मुक्तक
बहुत ही बढ़िया मुक्तक।
उत्कृष्ट मर्मस्पर्शी मुक्तक। लेखनी को नमन। सुदर्शन रत्नाकर
कोमल मार्मिक मुक्तक! मन को छू गए!~सादर अनिता ललित
वेदना से परिपूर्ण रचना आपकी अनमोल कृति है |बहुत ही हृदय स्पर्शी | श्याम -हिन्दी चेतना
बहुत ही सार्थक लेखन किया आपने ।सादरसुरभि डागर
बहुत ही सुंदर एवं भावपूर्ण सृजन। आदरणीय गुरुवर को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 💐🌷सादर
तीन मुक्तक बहुत ही मर्मस्पर्शी अंतिम वाला तो बहुत ही बढ़िया नमन एवं बधाई गुरुवर
बहुत सुन्दर भाव के मुक्तक । हार्दिक बधाई आपको हिमांशु भाई ।विभा रश्मि
वाह, बेहतरीन । सर ! बसंतोत्सव तो भारत मना रहा है, लगता है माता सरस्वती जी भी आपके साथ कनाड़ा गयी हैं , लौट आओ सर ,हम भी कुछ अच्छा लिखना चहाते हैं ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर मुक्तक। हार्दिक अभिनन्दन आपका।
ReplyDeleteवाह भाई काम्बोज जी | बहुत खूब ,आपके लेखन का जवाब नहीं है |बधाई बधाई |सविता अग्रवाल 'सवि' कैनेडा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मुक्तक
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया मुक्तक।
ReplyDeleteउत्कृष्ट मर्मस्पर्शी मुक्तक। लेखनी को नमन। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteकोमल मार्मिक मुक्तक! मन को छू गए!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
वेदना से परिपूर्ण रचना आपकी अनमोल कृति है |बहुत ही हृदय स्पर्शी | श्याम -हिन्दी चेतना
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक लेखन किया आपने ।
ReplyDeleteसादर
सुरभि डागर
बहुत ही सुंदर एवं भावपूर्ण सृजन।
ReplyDeleteआदरणीय गुरुवर को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 💐🌷
सादर
तीन मुक्तक बहुत ही मर्मस्पर्शी
ReplyDeleteअंतिम वाला तो बहुत ही बढ़िया
नमन एवं बधाई गुरुवर
बहुत सुन्दर भाव के मुक्तक । हार्दिक बधाई आपको हिमांशु भाई ।
ReplyDeleteविभा रश्मि