पथ के साथी

Friday, August 19, 2022

1234- बंसी भाग भरी

  शशि पाधा


कन्हैया तोरी बंसी भाग भरी

निसिदिन तेरे संग जिये वो

जब से अधर धरी ।

वृन्दावन की कुंज गलिन में
गोपिन रास रचाई
सात सुरों में गूँजे बंसी
झूमें कृष्ण कन्हाई

दूर खड़ी यशोदा मैया
नयनन नेह झरी 

छू के बंसी राधे बोली-
तू किसना अति प्यारी
श्वास- श्वास में तेरो बसते
मैं तुझसे ही हारी

किस डोरी से बाँधे तूने
पूछत पहर- घरी

राधे- राधे गाए बंसी
कान्हा हिय हरषाय
मेरे मन की बूझी तूने
पुनि पुनि गीत सुनाय

तेरे सुर की राग -रागिनी
बाँधे प्रीत -लड़ी
कन्हैया तोरी बंसी भाग भरी ।
-0-
[ चित्र; गूगल से साभार]


9 comments:

  1. बहुत ही सुंदर गीत।
    श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी🌷💐🌹

    सादर

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(१९-०८ -२०२२ ) को 'वसुधा के कपाल पर'(चर्चा अंक -४५२७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. आहा! बहुत सुंदर 🌹🙏😊

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  4. बहुत ही मनमोहक रचना
    बधाई शशि जी

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  5. बहुत प्यारा गीत "बंसी भाग भरी " मिठास भरा । शशि जी खूब बधाई आपको ।

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  6. सुंदर प्यारभरा गीत!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  7. मनभावन रचना के लिए आपको बहुत बधाई

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