पथ के साथी

Sunday, May 15, 2022

1208-कच्चे रास्ते की उम्र

भीकम सिंह 


स्कूल जाने को

एक पगडण्डी थी


जो बारिश में
 

छिप जाती थी 

एक रास्ता भी था 

परन्तु कच्चा था

हमारी उम्र जैसा 

बारिश में-

हम एक साथ भीगते 

नाले, ताल -तलैया 

सब छिपे होते

उस रस्ते में 

और नाव

हमारे बस्ते में 

बारिश में उनका 

थोड़ा- सा रूप झलकता 

तो हमारा

मन मचलता 

अक्सर 

मूसलाधार के तीरे

हमारी नाव डूबती

धीरे- धीरे 

नंगे पैर पानी 

खेतों में उतर जाता 

फुर्तीले कदम रख- रख

फावड़ा भी थक जाता 

बहाव में चलता- चलता 

 

दूसरी सुबह 

नाव ढूँढने की 

परेड शुरू होती 

भीगता हुआ फावड़ा 

बीज ढूँढता 

हमसे पूछता 

आज फिर 

रैनी-ड़े हुआ  ?

सोये हुए बादल

अँगडाते 

फावड़े का चेहरा 

बहा ले जाते

घर पहुँचकर फावड़ा 

धम्म से गिर जाता 

और हम भी 

गाय -भैंस देखतीं 

लो ! आज फिर

चूल्हे का धुआँ 

होगा थिर

उपले मरेंगे 

गिर - गिर 

फिर सूखा फूस ही 

याद में आता 

निर्धनता की तस्वीर जैसा 

खींच लिया जाता 

चूल्हा जलता 

घर पलता 

 

तीसरी सुबह

पगडण्डी की पीठ खुलती 

करुणा और क्रूरता 

फिसलन में चलती 

हँसी-ठट्ठे के साथ 

थोड़ी शर्म 

थोड़ा गर्व 

लेकर हम

चौमासे का पर्व

मना रहे होते 

थोड़ी दूर पर 

वो बीज मिलता 

दूसरे खेत में 

फूलता-फूलता

फटे चीथड़े पहने 

पानी मिलता 

लंगर डाले

हमारी नाव मिलती 

स्कूल के दो दिन 

हीं दबे मिलते 

जो बताते 

ऐसे ही बहता है जीवन 

हम कुछ और

देखने का प्रयास करते 

लेकिन हमारे पास

स्कूल जाने के सिवा 

कोई रास्ता नहीं बचता ।

 

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11 comments:

  1. बचपन की यादें फिर से ताजा कर दी। बहुत ही अच्छी कविता है। हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  2. आपकी पंक्तियां पढ़कर ऐसा लगा कि काश बचपन फिर से लौट आए। ह्रदय से आभार आदरणीय कवि श्रेष्ठ

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  3. बहुत अच्छी कविता।
    मुझे बहुत पसंद आई।

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  4. बहुत सुंदर, हार्दिक शुभकामनाएँ

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  5. कविता पढ़कर बचपन की कुछ स्मृतियाँ मन को भावुक कर गईं. बहुत सुन्दर रचना. भीकम सिंह जी को हार्दिक बधाई.

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  6. स्मृतियों के पटल खेलती बहुत ही सुंदर भावपूर्ण कविता। हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी। सुदर्शन रत्नाकर

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  7. अतीत में ले जाती सुंदर कविता।बधाई डॉ. भीकम सिंह जी।

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  8. बहुत सुंदर कविता...हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी।

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  9. मेरी कविता प्रकाशित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद सर, और खूबसूरत टिप्पणी करके मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार ।

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  10. दिल से निकली कविता। कमाल

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  11. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति । आपको बधाई।

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