भीकम सिंह
स्कूल जाने को
एक पगडण्डी थी
जो बारिश में
छिप जाती थी 
एक रास्ता भी था 
परन्तु कच्चा था
हमारी उम्र जैसा 
बारिश में-
हम एक साथ भीगते 
नाले, ताल
-तलैया 
सब छिपे होते
उस रस्ते में 
और नाव
हमारे बस्ते में 
बारिश में उनका 
थोड़ा- सा रूप
झलकता 
तो हमारा
मन मचलता 
अक्सर 
मूसलाधार के तीरे
हमारी नाव डूबती
धीरे- धीरे 
नंगे पैर पानी 
खेतों में उतर जाता 
फुर्तीले कदम रख- रख
फावड़ा भी थक जाता 
बहाव में चलता- चलता 
।
दूसरी सुबह 
नाव ढूँढने की 
परेड शुरू होती 
भीगता हुआ फावड़ा 
बीज ढूँढता 
हमसे पूछता 
आज फिर 
रैनी-ड़े हुआ 
?
सोये हुए बादल
अँगडाते 
फावड़े का चेहरा 
बहा ले जाते
घर पहुँचकर फावड़ा 
धम्म से गिर जाता 
और हम भी 
गाय -भैंस देखतीं 
लो ! आज फिर
चूल्हे का धुआँ 
होगा थिर
उपले मरेंगे 
गिर - गिर 
फिर सूखा फूस ही 
याद में आता 
निर्धनता की तस्वीर जैसा 
खींच लिया जाता 
चूल्हा जलता 
घर पलता 
।
तीसरी सुबह
पगडण्डी की पीठ खुलती 
करुणा और क्रूरता 
फिसलन में चलती 
हँसी-ठट्ठे के साथ 
थोड़ी शर्म 
थोड़ा गर्व 
लेकर हम
चौमासे का पर्व
मना रहे होते 
थोड़ी दूर पर 
वो बीज मिलता 
दूसरे खेत में 
फूलता-फूलता
फटे चीथड़े पहने 
पानी मिलता 
लंगर डाले
हमारी नाव मिलती 
स्कूल के दो दिन 
वहीं दबे
मिलते 
जो बताते 
ऐसे ही बहता है जीवन 
हम कुछ और
देखने का प्रयास करते 
लेकिन हमारे पास
स्कूल जाने के सिवा 
कोई रास्ता नहीं बचता ।
-0-
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
बचपन की यादें फिर से ताजा कर दी। बहुत ही अच्छी कविता है। हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआपकी पंक्तियां पढ़कर ऐसा लगा कि काश बचपन फिर से लौट आए। ह्रदय से आभार आदरणीय कवि श्रेष्ठ
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता।
ReplyDeleteमुझे बहुत पसंद आई।
बहुत सुंदर, हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteकविता पढ़कर बचपन की कुछ स्मृतियाँ मन को भावुक कर गईं. बहुत सुन्दर रचना. भीकम सिंह जी को हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteस्मृतियों के पटल खेलती बहुत ही सुंदर भावपूर्ण कविता। हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteअतीत में ले जाती सुंदर कविता।बधाई डॉ. भीकम सिंह जी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता...हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी।
ReplyDeleteमेरी कविता प्रकाशित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद सर, और खूबसूरत टिप्पणी करके मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार ।
ReplyDeleteदिल से निकली कविता। कमाल
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति । आपको बधाई।
ReplyDelete