अंजू खरबंदा
1
एक दिन
तुम्हारी प्रतीक्षा करते हुए
इकट्ठे कर लिये मैंने
ढेर सारे गुलमोहर,
तुम आई तो मुस्कुराते हुए
उछाल दिए तुम्हारी ओर
अचानक
फूलों का सुर्ख रंग
तुम्हारे चेहरे पर उतर आया!
2
एक दिन
मेरा इंतजार करते हुए
तुमने चुन लिए ढेर सारे गुलमोहर
मेरे आने पर
मेरी ओर उछाले और खिलखिला कर हँस दी
यूँ लगा मानो
सारी सृष्टि खिलखिला उठी हो!
3
कल रात
यादों की डायरी खोली
उसमें रखे
गुलमोहर से मुलाक़ात हुई
फिर सारी रात
सिर्फ अँखियों में कटी!
-0-
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीया अंजू जी 🌷💐
बहुत सुंदर
ReplyDeleteसत्या शर्मा ' कीर्ति '
अभी बहुत सुंदर खिल रहा है गुलमोहर। बधाई
ReplyDeleteहाँ जी बिलकुल 😊🌹
Deleteहार्दिक आभार सखी ❤️
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचनाएँ। हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteहार्दिक आभार सर
Deleteअच्छी रचना, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteसुंदर सृजन... भावनाओं से सिक्त... 🌹🌹🙏
ReplyDeleteगुलमोहर के माध्यम से प्रेम की अभिव्यक्ति की सुंदर कविताएँ।बधाई अंजू खरबंदा जी।
ReplyDeleteदिल से शुक्रिया 🙏😊
Deleteसुंदर रचनाएँ... हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचनाएँ, आपको बधाई अंजू जी!
ReplyDeleteगुलमोहर पर रची सुंदर भावपूर्ण रचनाएँ। बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई अंजू जी। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteअहा! गुलमोहर जैसी खूबसूरत रचनाएँ. बधाई अंजू जी.
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