वक़्त बोल रहा है !!
सीमा सिंघल 'सदा'
सब
की बोलती बंद है इन दिनों,
वक़्त बोल रहा है ..
वक़्त बोल रहा है ..
भय
घोल रहा है!!
बड़ी ही ख़ामोशी से
कोई बहस नहीं,
न ही कोई,
सुनवाई होती है
एक इशारा होता है
और पूरी क़ायनात उस पर
अमल करती है!!!
…
सब तैयार हैं कमर कसकर,
बादल, बिजली, बरखा के साथ
कुछ ऐसे विषाणु भी
जिनका इलाज़,
सिर्फ़ सतर्कता है
जाने किस घड़ी
करादे, वक़्त ये मुनादी.…
ढेर लगा दो लाशों के,
कोई बचना नहीं चाहिए!!
2020 फिर लौटकर
नहीं आएगा,
जो बच गया उसे
ये सबक याद रहेगा,
ज़िंदगी की डोर
सिर्फ़ ऊपरवाले के हाथ में है!!!
बड़ी ही ख़ामोशी से
कोई बहस नहीं,
न ही कोई,
सुनवाई होती है
एक इशारा होता है
और पूरी क़ायनात उस पर
अमल करती है!!!
…
सब तैयार हैं कमर कसकर,
बादल, बिजली, बरखा के साथ
कुछ ऐसे विषाणु भी
जिनका इलाज़,
सिर्फ़ सतर्कता है
जाने किस घड़ी
करादे, वक़्त ये मुनादी.…
ढेर लगा दो लाशों के,
कोई बचना नहीं चाहिए!!
2020 फिर लौटकर
नहीं आएगा,
जो बच गया उसे
ये सबक याद रहेगा,
ज़िंदगी की डोर
सिर्फ़ ऊपरवाले के हाथ में है!!!
तुम
क्या चीज़ हो
वह तोल रहा है
वक़्त
बोल रहा है !!
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मौजूदा हालात का वहुत बढिया चित्रण... हार्दिक बधाई सीमा जी।
ReplyDeleteमौजूदा हालात में सतर्कता ही परेशानियों से बचा सकती है बहुत बढ़िया
ReplyDeleteहर संकट में सचेत सतर्क रह कर ही हम उससे उबर सकते हैं। सुंदर चित्रण. बधाई सीमा जी।
ReplyDeleteसमय को दर्ज़ करते हुए उद्गार!
Deleteयथार्थ का आईना दिखती बहुत सुंदर, सटीक रचना, आपको बधाई सीमा जी!!
ReplyDeleteआज के समय में जो कुछ घट रहा है उसका सही चित्रण किया है आप ने अपनी कविता में हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteकोरोना से उपजी समस्याओं को वक्त के साथ सुंदर तरीके से पिरोया है , बधाई ।
ReplyDeleteजिंदगी की डोर सिर्फ ऊपर वाले के हाथ है....वर्तमान त्रासदी के संदर्भ में इस सत्य को रेखांकित करती यथार्थवादी कविता। सीमा सिंघल जी को बधाई
ReplyDeleteसमयानुकूल सुन्दर कविता ।बधाई आपको ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteसमसामयिक कविता ... सुंदर चित्रण
ReplyDeleteहार्दिक बधाइयाँ सीमा जी
आप सभी की इतनी उत्साहवर्द्धक टिप्पणियों के लिए अत्यंत आभार...|
ReplyDeleteआदरणीय काम्बोज भैया जी का बेहद आभार जिन्होंने मेरी रचना को यहाँ स्थान दिया |
सादर
समसामयिक घटनाचक्र का चित्रण करती रचना के लिए हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteसमसामयिक जीवन का सफल अंकन! बधाई आदरणीया
ReplyDeleteसुंदर और समसामयिक रचना के लिए हार्दिक बधाई सीमा जी !!
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